जीकेसी के अमेरिकी चैप्टर के अध्यक्ष बनें सुशील श्रीवास्तव, आलोक कुमार सिन्हा बनें अमेरिकी चैप्टर के सलाहकार
नयी दिल्ली | ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) के वैश्विक विस्तार की यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव के तहत अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (पंजीकृत2150)के अन्तराष्ट्रीय शाखा का ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस में विलय हो गया।
जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि शिकागो में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा(पंजीकृत2150) के अंर्तराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुशील श्रीवास्तव ,जीकेसी अमेरिका के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार सिन्हा की वर्चुअल उपस्थित में विलय की घोषणा कर दी गयी। उन्होंने बताया कि एकीकृत जीकेसी के अमेरिकी चैप्टर के अध्यक्ष अब श्री सुशील श्रीवास्तव जी होंगे ।वहीं श्री आलोक कुमार सिन्हा अमेरिकी चैप्टर के सलाहकार एवं जीकेसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद सुशोभित करेंगे।
सुशील श्रीवास्तव और आलोक कुमार सिन्हा ने श्री राजीव रंजन के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि उन्हें जो जिम्मेवारी सौंपी गयी है उसमें अपना शत प्रतिशत देने का प्रयास करेगे। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज से जुड़े लोगों को आगे बढ़ानें में उनसे जहां तक संभव हो सकेगा उसमें अपना योगदान देंगे।
सुशील श्रीवास्तव ने कहा मुझे जीकेसी यूएसए चैप्टर का अध्यक्ष बनने का अवसर देने के लिए राजीव रंजन जी का धन्यवाद। यह वास्तव में एक बड़ी जिम्मेदारी है लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि मैं जीकेसी के मानकों के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगा।जीकेसी को सही मायने में एक अंतरराष्ट्रीय सगंठन बनाना एवं हमारे कायस्थ परिवार को अमेरिका एवं समस्त विश्व में एकजुट करने के लिए मैं तत्पर हूँ। अपनी वैश्विक टीम एवं कार्यसमिति के साथ कार्य करके हमलोग इसमें निश्चित ही सफल होंगे।
उल्लेखनीय है कि आलोक कुमार सिन्हा अवकाश प्राप्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जिन्होंने अपने सुनहरे 38 साल केंद्र सरकार द्वारा चलाये गए जल विद्युत प्रद्योगिकी के कई परियोजनाओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।अपने कार्यकाल में उनकी भागीदारी सिर्फ अपने देश नही विदेशों में भी जैसे भूटान,अफगानिस्तान,बांग्लादेश ,वियतनाम आदि देशों में रही है।वर्तमान में वह यूएसए में हैं और वहाँ के कई तकनीकी प्रशिक्षण केंद्रों एवं सरकारी तकनीकी केंद्रों में सलाहकार के रूप में सक्रिय हैं।उन्हें वर्ष 2018 में “भारत गौरव सम्मान “से नवाजा गया है। यह सम्मान उन्हें अपने तकनीकी प्रशिक्षण के क्षेत्र में आने अद्वितीय योगदान के लिए मिला है।