यह बिहार की पत्रकारिता को सम्मान : कमल किशोर

औरंगाबाद। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) ने महान कवियित्री, सुविख्यात लेखिका, पद्मविभूषण और पद्मभूषण सम्मान से अंलकृत महादेवी वर्मा की जयंती के अवसर पर बिहार के जाने-माने पत्रकार, संपादक और लेखक कमल किशोर को महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान से सम्मानित किया है । श्री किशोर को यह प्रतिष्ठित सम्मान डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ रमेश चंद्र श्रीवास्तव ,गुजरात प्रांत के एक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ वैभव श्रीवास्तव,जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद,वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी उदय सहाय,नोएडा फिल्म सिटी के निदेशक संदीप मारवाह ,प्रख्यात पर्यावरणविद ज्ञानेंद्र सिंह रावत एवं प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने संयुक्त रूप से प्रदान किया ।

नई दिल्ली के राजघाट स्थित गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के सत्याग्रह मंडप में आयोजित एक भव्य समारोह में पुरस्कार ग्रहण के पश्चात श्री किशोर ने कहा कि उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए मुझे महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान प्रदान किया जाना बिहार की पत्रकारिता को सम्मान है और इससे सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित इलाकों में खोजपरक पत्रकारिता कर रहे नई पीढ़ी के पत्रकारों को प्रेरणा मिलेगी । संभवतः बिहार के आंचलिक इलाके में लंबे अरसे से कार्यरत किसी पत्रकार को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किए जाने का संभवत: यह दूसरा मौका है ।इसके पूर्व वर्ष 2002 में इंटरनेशनल मीडिया फाउंडेशन की ओर से श्री किशोर को नई दिल्ली में बिहार के सर्वश्रेष्ठ आंचलिक पत्रकार के रूप में केंद्रीय मंत्री , मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल रह चुके अर्जुन सिंह के द्वारा सम्मानित किया गया था ।

लगभग तीन दशकों से भी ज्यादा समय से कमल किशोर बिहार के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित एवं पिछड़े इलाकों में पत्रकारिता कर रहे हैं । 1987 में इन्होंने दैनिक हलचल नाम से एक अखबार का प्रकाशन और संपादन शुरू किया जो 1990 में निबंधन के पश्चात नवबिहार टाइम्स के नाम से लगातार प्रकाशित हो रहा है और बिहार के प्रमुख समाचार पत्रों में इसने अपना स्थान बना लिया है । हमेशा जन सरोकार से जुड़ी पत्रकारिता के लिए चर्चित रहे कमल किशोर प्रदीप, आर्यावर्त, पाटलिपुत्र टाइम्स, हिंदुस्तान, आज, दैनिक जागरण, समाचार एजेंसी हिंदुस्तान समाचार, यू एन आई ‘ वार्ता जैसे समाचार पत्रों और न्यूज़ एजेंसी से जुड़े रहे हैं । फिलहाल वे आकाशवाणी , दूरदर्शन और यूएनआई के संवाददाता भी हैं । श्री किशोर पत्रकारों से जुड़े कई संगठनों के पदाधिकारी भी हैं और समय-समय पर पत्रकारिता के हितों में सवाल भी उठाते रहे हैं ।

कमल किशोर को महादेवी वर्मा सम्मान मिलने पर बिहार के कई प्रबुद्ध लोगों ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं । औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह, विधायक आनंद शंकर, पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह, पूर्व मंत्री सुरेश पासवान ,जदयू जिलाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह समेत दर्जनों बुद्धिजीवियों लेखकों पत्रकारों राजनीतिज्ञों अधिकारियों और समाजसेवियों ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए बधाई दी है ।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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