गोरखपुर के प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थान गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गोरखपुर पहुंचे जहाँ उन्होंने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस दौरान कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लीलाचित्र मंदिर के दर्शन किये और दो पुस्तकों का विमोचन भी किया। इस दौरान कार्यक्रम में सीएम योगी ने सभी को सम्बोधित भी किया।
सीएम योगी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि सनातन हिंदू धर्म से संबंधित पाठों के प्रकाशन का एक महत्वपूर्ण केंद्र रही गीता प्रेस ने 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं। उन्होंने संबंधित साहित्य और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रकाशन के माध्यम से राष्ट्र के लिए सराहनीय योगदान दिया है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज गीता प्रेस गोरखपुर अपने यशस्वी कालखंड के 100 वर्ष पूरा कर रहा है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ करने के लिए माननीय राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का गोरखपुर में आगमन हुआ है। मैं सभी की ओर से उनका हृदय से स्वागत व अभिनंदन करता हूं.सीएम योगी ने कहा कि सबके लिए एक गौरवशाली क्षण है जब सनातन हिन्दू धर्म के प्रकाशन का सबसे प्रमुख केंद्र ‘गीता प्रेस’ जिसने विगत 100 वर्षां में 90 करोड़ से अधिक सनातन हिन्दू धर्म से संबंधित ग्रंथों का प्रकाशन करके देश व धर्म की अत्यंत उल्लेखनीय व सराहनीय सेवा की है.
सीएम योगी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि 1955 में इस संस्था के मुख्य द्वार का उद्घाटन करने और यहां के सबसे आकर्षण का केंद्र चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के लिए उस समय के देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद विशेष रूप से यहां पधारे थे.
सीएम योगी ने बताया कि 1923 में मात्र 10 रूपये के एक किराए के भवन में श्रद्धेय जयदयाल गोयन्दका ने जिस बीज का रोपण किया था, वह आज एक विशाल वटवृक्ष बनकर पूरे देश व दुनिया में सनातन हिन्दू धर्म के प्रकाशन को घर-घर तक पहुंचा रहा है।यह कार्य 100 वर्षों से गीता प्रेस कर रही है.सीएम योगी ने कहा कि सनातन हिन्दू धर्म में विश्वास रखने वाला देश में शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा, जिसके घर पर गीता प्रेस से जुड़ा हुआ कोई साहित्य न हो।हम सबको इस पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए