पटना, 06 जनवरी :: मानव अधिकार रक्षक ने संस्था के उद्देश्य के साथ अपना तीन वर्ष पूरा किया। तीन वर्ष पूरा होने पर मानव अधिकार रक्षक ने पटना के इंडियन मेडिकल एशोसिएशन हॉल में स्थापना दिवस का आयोजन किया। आयोजन में शिरकत करने वालों में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता उषा विद्यार्थी, पटना के जानेमाने गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ० अंजली सिन्हा, डीएसपी (कानून एवं व्यवस्था,रेल) भावना वर्मा, वार्ड संख्या -32 के वार्ड पार्षद पिंकी यादव, संस्था की संस्थापिका रीता सिन्हा, राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रितु कुमारी, बिहार प्रदेश अध्यक्ष चेतन थिरानी, बिहार प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेन्द्र कुमार सिन्हा प्रमुख थे।

उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता उषा विद्यार्थी ने कहा कि मानव अधिकार रक्षक ने समाज में उत्थान के लिए लगातार काम कर रही है, इनके कार्यों की प्रशंसा स्थानीय लोग कर रहे है। यह एक प्रसंसनीय कार्य है। वहीं गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ० अंजली सिन्हा ने महिलाओं में गाइनेकोलॉजी के संबंध में होने वाली बीमारियों और उसके उपचार पर प्रकाश डाली। वार्ड संख्या -32 के वार्ड पार्षद पिंकी यादव ने मानव अधिकार रक्षक से जुड़े रहने की चर्चा करते हुए कहा कि मेरे पास कुछ लोग सहायता के लिए आते है तो उसे मानव अधिकार रक्षक के पदाधिकारियों के पास भेज देते है और उसका परिणाम सकारात्मक मिलती है। डीएसपी (कानून एवं व्यवस्था,रेल) भावना वर्मा ने कहा कि मुझे मालूम ही नहीं था की मानव अधिकार रक्षक समाज में इतना अच्छा कामकर रहा है और स्लम बस्ती के बच्चों को शिक्षित करने के लिए निःशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य लाभ के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच, निःशुल्क भोजन दे रही है। यह बहुत ही उत्कृष्ट कार्य है।

स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मानव अधिकार रक्षक के संस्थापिका रीता सिन्हा ने कहा कि
मानव अधिकार रक्षक की स्थापना वर्ष 2020 में की गई है। यह संस्था एक गतिशील, समाज के प्रति समर्पित संस्था है। इस संस्था में मानवाधिकार कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय रूप से कार्य कर रहे है। यह संस्था पूरी तरह से, न्याय के उद्देश्य के लिए, समर्पण के साथ काम कर रही हैं। सभी के लिए, सभी लोगों के बीच विचारों, लोकाचार के आदान-प्रदान द्वारा वंचितों को, आर्थिक उत्थान, शिक्षा, शांति, सद्भाव, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकता के लिए काम कर रही है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि मानव अधिकार रक्षक ने अपनी 3 वर्षों की अवधि में घरेलू हिंसा आदि से संबंधित लगभग 100 से अधिक मामले का निष्पादन कराया हैं। वर्तमान में भारतीय मानव अधिकार रक्षक संस्थान से लगभग 1000 से अधिक सदस्य बन चुके है और सभी सदस्य सक्रीय रूप से संगठन के प्रति समर्पित होकर कार्य कर रहे है। बिहार के 38 जिलों में से 14 जिलों में मानव अधिकार रक्षक के सदस्य सक्रीय रूप से काम कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि मानव अधिकार रक्षक का उद्देश्य है कि मानव अधिकार के हनन को लेकर आवाज उठाना, पारिवारिक विवादो को सुलझाने की कोशिश करना, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर जनता के दिलों में कानून व्यवस्था के ऊपर भरोसा बनाए रखने की कोशिश करना, सभी विभागों के पदाधिकारियों को उनके ईमानदारी के साथ किए गए कार्यों के लिए प्रोत्साहन देना, समाज के समग्र विकास एवं कल्याण हेतु कार्य करना है।

अरविन्द कुमार ने संस्था के उद्देश्य की ओर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानव अधिकार रक्षक की महिला बिंग बहुत ही सक्रीय होकर “बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ” सामाजिक सरोकार अभियान के तहत समाज में जागृति पैदा करने में, समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा, बल विवाह, अशिक्षा आदि के निवारण हेतु प्रयास, महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु आर्थिक एवं शक्षनिक स्तर बढ़ाने हेतु, महिलाओं से संबंधित सरकारी योजनाओं की जानकारी एवं भागीदारी में सहयोग कार्य कर रही है।

उन्होंने बताया कि प्रतिभावान छात्र छात्राओं को सम्मानित कर प्रोत्साहित करने,युवाओं में कौशल विकास हेतु समाज के सहयोग से प्रशिक्षण, मार्गदर्शन एवं आर्थिक सहायता के रूप में रोजगार को प्रोत्साहन देना, आर्थिक रूप से कमजोर छात्र छात्राओं को अध्ययन के लिए आर्थिक सहायता, प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी हेतु सहायता और मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के कार्यों को करती है।

बिहार प्रदेश अध्यक्ष चेतन थिरानी ने संस्थान की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि तीन वर्षों में संस्था ने कानूनी जानकारी देने के लिए, नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा देने के लिए, रक्तदान के लिए, निःशुल्क भोजन वितरण एवं गेट-टुगेदर बैठक की लगभग 150 से अधिक कैंप लगाया गया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने संस्थान के गतिविधियों पर संक्षिप्त प्रकाश डालते हुए कहा कि मानव अधिकार रक्षक में सदस्यता ग्रहण करने वालों को योगदान के समय आधार कार्ड की फोटो कॉपी, पैन कार्ड की फोटो कॉपी, चरित्र प्रमाण पत्र और बायोडाटा जमा करायी जाती है और उसके बाद मात्र 5 महीनों के लिए ही सदस्यता दी जाती है। सदस्य यदि सक्रीय रूप से काम करते है तो फिर उसकी अवधि बढ़ायी जाती है। यह निर्णय पूरी तरह सही है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से कार्यकलापों की जानकारी आमजन तक नियमित रूप से पहुंचाने के संबंध में भी जानकारी दी।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय कमिटी और प्रदेश कमिटी द्वारा जिन सदस्यों को टारगेट दिया गया था और जिन्होंने टारगेट पूरा किया उन्हें अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में पटना जिला अध्यक्ष पुजा सिन्हा, एससी एसटी विंग महासचिव आशा देवी, कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ की सचिव स्वेता बॉबी, रोहतास जिला सचिव संतोष अग्रवाल, सक्रिय सदस्य रश्मि सिन्हा, सरिता सिंह, रमा गुप्ता, सूरज कुमार शामिल थे। वहीं दो खास सदस्यों में गीता प्रसाद एवं किरण कुमारी को स्टार परफॉर्मर के रूप में अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह और क्राउन से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अनिल कुमार (युवा सचिव,अशोक नगर ग्राम), सक्रिय सदस्य निरंजन कुमार, संतोष कुमार, प्रेरणा गौरव, नेहा गुप्ता, सीमा सिंह समाजसेवी आनंद त्रिवेदी को जल जीवन हरियाली का संदेश देते हुए पौधो से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में संस्था के मोतिहारी जिला अध्यक्ष पारस ठाकुर, सक्रिय सदस्य अमरजीत सिंह, रोहतास जिला संयुक्त सचिव राकेश तिवारी, रोहतास जिला उपाध्यक्ष मनीष कुमार राय, सासाराम प्रखंड अध्यक्ष डॉ० शिव शंकर शर्मा, पटना जिला से सरिता देवी, वंदना पांडे, मिनी देवी, प्रेरणा गौरव, पूर्णिमा बसक, माला देवी, कुमार प्रियेश, वैशाली जिला से ज्योति कुमार एवं पूनम सिन्हा, समस्तीपुर जिला अध्यक्ष लालू यादव, रोहतास जिला से कमलेश कुमार, डॉ० शिव शंकर शर्मा, मनीष कुमार राय शामिल थे।
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