गर्मी की शुरुआत और घंटो बिजली का कटना बिहार में शुरू हो चुका है, बड़े बड़े दावे करने वाले राजकुमार और मगध नरेश की पोल अब खुल रही है ।
याद है वो ब्यान बिहार को प्राप्त से ज्यादा बिजली मिल रही है ? झूठ बोल रहे थे या जानकारी का अभाव था या अब कम हो गया या फिर कितना लोड है निजाम को पता ही नही या फिर खराब infrastruture का रोना धोना जो भी हो अभी मई जून और जुलाई बाकी है , इफ्तियारी कीजिए , जो मन में आए वो कीजिए लेकिन हमारी समस्या को नजरअंदाज मत कीजिए , अभी हाल में ही Tejashwi Yadav बोल रहे थे बिहार विधाननभा में की हमलोग जनता की समस्या सॉल्व करने में लगे है फालतू बातों के लिए समय नहीं है फिर इस तरह की अनिमिताए क्यों है ? बिजली खरीदने का पैसा हमसे पहले ही ले लिया जाता है प्रीपेड मीटर के माध्यम से मतलब बिजली की खरीदारी भी अब जनता ही कर रही है सब्सिडी दे कर कहते हैं रेट बढ़ने नही देंगे ठीक बात है मत बढ़ने दीजिए मगर घटाया भी तो नही दिल्ली की सरकार और बिहार सरकार की तुलना कर लीजिए ! इतना सब्सिडी के वावजूद भी मीडिया रिपोर्ट्स और आपके विपक्षी लोग कहते हैं कि बिहार में बिजली अन्य राज्यो के मुकाबले महंगी है फिर कहीं तो झोल है या तो बिहार सरकार का ऑपरेशनल खर्च अधिक है या फिर टैक्स अधिक है या फिर बिजली की खरीद महंगी है कितना में बिजली की खरीदारी हो रही है कितना में आम जनता को मिल रही है डाटा जनता को बता दीजिए ना , और जब खुदे मगध नरेश बोल ही रहे हैं की बिहार को पर्याप्त से ज्यादा बिजली मिल रही है फिर घंटो कट क्यों रही है ? और जब ऑपरेशनल खर्च अधिक करके भी आप बिजली के पावर कट को ठीक नही कर पाते फिर तो समस्या सरकार में ही है । हम मानते है की बिजली पहले के मुकाबले बेहतर हुई है मगर पूरी तरह से दुरुस्त नहीं कोई परमानेंट सॉल्यूशन लाइए ना टेंपरोरी व्यवस्था कब तक उम्मीद है बिहार सरकार बिजली को। गंभीरता पूर्वक लेगी या फिर टिप्पणी लिखनेवाले को ही जेल में डाल देगी कहना मुस्किल है ।