Photo:FILE Inflation

Highlights

  • रिजर्व बैंक अपनी लाख कोशिशों के बाद भी महंगाई रोकने में फिसड्डी
  • सितंबर में महंगाई एक बार फिर उछल कर 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई है
  • खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी, 2022 से ही छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है

रिजर्व बैंक अपनी लाख कोशिशों के बाद भी महंगाई रोकने में फिसड्डी साबित हुआ है। सितंबर में महंगाई एक बार फिर उछल कर 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई है। लगातार नौवें महीने महंगाई संतोषजनक स्तर से ऊपर रहने के बीच भारतीय रिजर्व बैंक को अब केंद्र सरकार को रिपोर्ट देकर इसका विस्तार से कारण बताना होगा। रिपोर्ट में यह बताना होगा कि महंगाई को निर्धारित दायरे में क्यों नहीं रखा जा सका और उसे काबू में लाने के लिये क्या कदम उठाये जा रहे हैं। 

क्या है नियम 

रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत अगर मुद्रास्फीति के लिये तय लक्ष्य को लगातार तीन तिमाहियों तक हासिल नहीं किया गया है, तो आरबीआई को केंद्र सरकार को रिपोर्ट देकर उसका कारण और महंगाई को रोकने के लिये उठाये गये कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी। मौद्रिक नीति रूपरेखा के 2016 में प्रभाव में आने के बाद से यह पहली बार होगा कि आरबीआई को रिपोर्ट के जरिये सरकार को अपने कदमों के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। केंद्र सरकार की तरफ से रिजर्व बैंक को मिली जिम्मेदारी के तहत आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनाये रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। अब मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सचिव को आरबीआई अधिनियम के तहत इस बारे में चर्चा के लिये एमपीसी की अलग से बैठक बुलानी होगी और रिपोर्ट तैयार कर उसे केंद्र सरकार को भेजना होगा। 

​दिवाली बाद एमपीसी की बैठक 

एमपीसी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करती है। मौद्रिक नीति समिति की एक दिन की बैठक दिवाली के बाद हो सकती है क्योंकि केंद्रीय बैंक के वरिष्ठ अधिकारी इस समय अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्वबैंक की बैठकों में भाग लेने के लिये अमेरिका में हैं। पिछले महीने, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि मुद्रास्फीति लक्ष्य में चूक को लेकर केंद्र को भेजे जानी वाली रिपोर्ट दो पक्षों के बीच का गोपनीय मामला है और इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। 

रिजर्व बैंक के सहनीय स्तर से ऊपर है महंगाई 

उल्लेखनीय है कि खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी, 2022 से ही छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। सितंबर में यह 7.41 प्रतिशत रही। अगर मुद्रास्फीति औसतन लगातार तीन तिमाहियों तक निर्धारित ऊपरी सीमा से अधिक या निचली सीमा से नीचे रहती है, इसे आरबीआई की तरफ से महंगाई को निर्धारित दायरे में रखने को लेकर मिली जिम्मेदारी में चूक माना जाएगा। केंद्रीय बैंक महंगाई को काबू में लाने के लिये मई से ही नीतिगत दर में वृद्धि कर रहा है। उसने अबतक नीतिगत दर 1.9 प्रतिशत बढ़ायी है जिससे रेपो दर 5.9 प्रतिशत पर पहुंच गयी है। उल्लेखनीय है कि महामारी के शुरूआती महीनों में तीन तिमाही से अधिक समय तक मुद्रास्फीति लक्ष्य के दायरे से बाहर रही थी। लेकिन ‘लॉकडाउन’ के कारण आंकड़ा संग्रह में तकनीकी कमियों के कारण उस समय आरबीआई को रिपोर्ट नहीं देनी पड़ी थी। 

Latest Business News

function loadFacebookScript(){
!function (f, b, e, v, n, t, s) {
if (f.fbq)
return;
n = f.fbq = function () {
n.callMethod ? n.callMethod.apply(n, arguments) : n.queue.push(arguments);
};
if (!f._fbq)
f._fbq = n;
n.push = n;
n.loaded = !0;
n.version = ‘2.0’;
n.queue = [];
t = b.createElement(e);
t.async = !0;
t.src = v;
s = b.getElementsByTagName(e)[0];
s.parentNode.insertBefore(t, s);
}(window, document, ‘script’, ‘//connect.facebook.net/en_US/fbevents.js’);
fbq(‘init’, ‘1684841475119151’);
fbq(‘track’, “PageView”);
}

window.addEventListener(‘load’, (event) => {
setTimeout(function(){
loadFacebookScript();
}, 7000);
});



Source link

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *