Photo:FILE LPG

Highlights

  • LPG की स्थिर कीमतों के चलते घाटा सहर रही तेल कंपनियों को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया
  • सरकार ने घाटा सह रही सरकारी तेल कंपनियों को 22000 करोड़ की मदद दी
  • पेट्रोलियम मंत्रालय ने इससे पहले 30 हजार करोड़ रुपये सब्सिडी की मांग की थी

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच देश में LPG की स्थिर कीमतों के चलते घाटा सहर रही तेल कंपनियों को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया हैं। सरकार ने घाटा सह रही सरकारी तेल कंपनियों को 22000 करोड़ की मदद दी है। बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में सरकार ने तेल कंपनियों को राहत देने के लिए इसकी घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तेल कंपनियों को राहत देने के लिए 22 हजार करोड़ रुपये की वन टाइम ग्रांट को मंजूरी दे दी गई है।

लेकिन सरकार द्वारा दी गई यह ग्रांट तेल कंपनियों की उम्मीद से कम है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इससे पहले 30 हजार करोड़ रुपये सब्सिडी की मांग की थी। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और रुपये में कमजोरी के चलते तेल कंपनियों को रसोई गैस की खुदरा बिक्री पर नुकसान हो रहा है। इसी नुकसान की भरपाई के लिए ये राहत दी जा रही है।

घाटे में चल रही हैं तेल कंपनियां 

इस साल यूक्रेन युद्ध के बाद से कच्चे तेल की कीमतें आसमान पर हैं। वहीं देश में मंहगाई के बढ़ते स्तर को देखते हुए गैस की कीमतें स्थिर हैं, जिससे तेल कंपनियों को फिलहाल नुकसान हो रहा है। दूसरी ओर गैस की कीमतों में उछाल की वजह से दबाव बढ़ रहा है। इसके अलावा रुपये में रिकॉर्ड गिरावट की वजह से कंपनियों को पहले की तुलना में ज्यादा इंपोर्ट बिल चुकाना पड़ रहा है।

2 साल के घाटे की भरपाई 

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अनुदान को मंजूरी दी है। यह अनुदान इन कंपनियों द्वारा पिछले दो साल के दौरान रसोई गैस की रूप में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी को लागत से कम मूल्य पर बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाएगा। ठाकुर ने कहा कि पिछले दो साल से घरेलू रसोई गैस को लागत से कम मूल्य पर बेचा जा रहा है। 

तीनों सरकारी कंपनियों की सुधरेगी बैलेंस शीट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक बैठक में तीन पेट्रोलियम विपणन कंपनियों – इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को एकमुश्त अनुदान देने की मंजूरी दी। अनुदान जून, 2020 से जून, 2022 तक उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर एलपीजी बिक्री पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए होगा। तीनों कंपनियां उपभोक्ताओं को सरकार द्वारा नियंत्रित कीमतों पर घरेलू एलपीजी बेचती हैं। 

300 प्रतिशत बढ़ी कीमतें 

जून, 2020 से जून, 2022 के बीच रसोई गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए उनपर लागत वृद्धि का पूरा भार नहीं डाला गया। बयान में कहा गया कि इस दौरान घरेलू एलपीजी की कीमतों में केवल 72 प्रतिशत की वृद्धि हुई और ऐसे में इन तीनों कंपनियों को उल्लेखनीय नुकसान हुआ। 

निर्बाध रहेगी गैस की आपूर्ति 

बयान में आगे कहा गया, ‘‘इस घाटे के बावजूद, सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने देश में रसोई ईंधन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की है। इसलिए सरकार ने इस नुकसान की भरपाई के लिए तीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को एकमुश्त अनुदान देने का निर्णय लिया है।’’ सरकार ने कहा कि इस फैसले से पेट्रोलियम क्षेत्र की पीएसयू को आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखने में मदद मिलेगी और बिना किसी बाधा के घरेलू एलपीजी आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

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By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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