1 जनवरी से ये नियम लागू हो जाएंगे।  विवरण यहाँ


1 जनवरी से कुछ नियमों में बदलाव लागू हो जाएंगे। बैंक लॉकर से लेकर सीएनजी-एलपीजी की कीमतों से लेकर क्रेडिट कार्ड तक, ये आम आदमी के पर्सनल फाइनेंस को प्रभावित करते हैं और इसलिए यह जानना जरूरी है कि ये नियम क्या हैं।

ये नए/अद्यतन दिशा-निर्देश 1 जनवरी से प्रभावी होंगे:

एनपीएस आंशिक निकासी: केंद्र सरकार के कर्मचारियों को आंशिक निकासी के लिए आवेदन के रूप में एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) के लिए अपने निकासी अनुरोध और अपने संबंधित नोडल कार्यालयों के माध्यम से जमा करने होंगे। आंशिक निकासी के कारण को प्रमाणित करने के लिए सहायक दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।

वर्तमान में, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) सदस्यों को स्व-घोषणा द्वारा एनपीएस के तहत आंशिक निकासी करने की अनुमति देता है।

बैंक लॉकर: संशोधित बैंक लॉकर नियमों के तहत, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों को अद्यतन लॉकर समझौते प्रदान करें। आरबीआई की एक अधिसूचना के अनुसार, बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि लॉकर समझौते में कोई अनुचित नियम या शर्तें शामिल न हों।

उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेटें: 1 अप्रैल, 2019 से पहले पंजीकृत वाहनों के लिए, 31 दिसंबर तक हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) और कलर-कोडेड स्टिकर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। 5,000 से 10,000।

क्रेडिट कार्ड: नए साल में क्रेडिट कार्ड भुगतान के लिए कई बैंक अपनी रिवार्ड प्वाइंट स्कीम में बदलाव कर सकते हैं। इसलिए, ग्राहकों को 31 दिसंबर तक अपने क्रेडिट कार्ड के रिवार्ड पॉइंट्स को रिडीम कर लेना चाहिए।

कार की कीमतें: कई कार निर्माता करेंगे कीमतें बढ़ाओ उनके वाहनों की। इनमें टाटा मोटर्स और मारुति सुजुकी जैसे घरेलू कार दिग्गजों से लेकर ऑडी और मर्सिडीज-बेंज जैसे लक्जरी ब्रांड शामिल हैं।

गैस सिलेंडर की कीमतें: हर महीने के पहले दिन, किए गए परिवर्तन, यदि कोई हो, को गैस सिलेंडर की कीमतेंघोषित हैं।


By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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