पटना, 12 अक्टूबर राष्ट्रीय-राजकीय सम्मान से अंलकृत दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस
उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों और महिला सशक्तीकरण के बारे में बताना है।

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अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2022 की थीम ‘अब हमारा समय है- हमारे अधिकार हमारा भविष्य’ रखी गयी है। डा. नम्रता आनंद ने बताया कि 11 अक्टूबर का दिन दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का खास उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों और महिला सशक्तीकरण के बारे में बताना है। जिससे वो अपने सामने आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना कर सकें और अपनी जरूरतों के साथ ही अपने सपनों को भी पूरे कर सकें। ृ
डा. नम्रता आनंद ने बताया, अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 11 अक्टूबर को दुनिया के 50 से ज्यादा देशों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य नारी शक्ति की ओर लोगों को जागरूक करना और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना होता है। भारत समेत कई देशों में महिलाओं को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। एक बच्ची के जन्म से लेकर परिवार में उसकी स्थिति, शिक्षा के अधिकार और करियर में महिलाओं के विकास में आने वाला बाधाओं को दूर करने के लिए जागरूकता फैलाना ही अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य है। सभी को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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