हिंदी पट्टी में अकसर इस बात की चर्चा होती है कि हम अपने कलाकारों, साहित्यकारों आदि को वो सम्मान नहीं देते जो बंगाल या दक्षिण भारत आदि में मिलता है। अब राजनीतिक कारणों से हो या जिस भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कार्य आज प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर के जन्मदिन पर उनके बहाने अयोध्या में हुआ है, जहां उनके नाम पर एक चौक का उद्घाटन आज किया गया।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सरयू के किनारे नयाघाट चौराहा अब लता मंगेशकर चौराहा के नाम से जाना जाएगा। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के नाम पर बने स्मृति चौक का लोकार्पण बुधवार को मुख्यमंत्री ने किया। इस अवसर पर लता मंगेशकर के भतीजे और बहू भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री के अनुसार यहां तुलसीदास, वाल्मीकि आदि के नाम पर भी चौराहे बनेंगे।
लता चौक की खासियत
8.50 करोड़ की लागत से लता मंगेशकर चौक का निर्माण हुआ है। स्मृति चौक पर लता मंगेशकर के भजन गूंजेंगे। मां शारदा की वीणा सुर साम्राज्ञी चौक की पहचान होगी। वीणा की लंबाई 10.8 मीटर और ऊंचाई 12 मीटर है। 14 टन वजनी वीणा को बनाने में 70 लोग लगे। कांसा एवं स्टेनलेस स्टील से एक माह में वीणा बनी। इस पर सरस्वती व मोर के चित्र उकेरे गए हैं। पद्म पुरस्कार विजेता राम सुतार ने वीणा की डिजाइन बनाई है। वीणा के साथ-साथ अन्य शास्त्रीय वाद्य यंत्र भी प्रदर्शित हैं साथ ही
लता मंगेशकर के जीवन और व्यक्तित्व को भी चौक में दर्शाया गया है।