जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 15 अक्टूबर ::

राष्ट्रीय मानव अधिकार रक्षक एक गतिशील, समाज के प्रति समर्पित संस्था है। इस संस्था में मानवाधिकार कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय रूप से कार्यरत है। राष्ट्रीय मानव अधिकार रक्षक की स्थापना वर्ष 2020 में रीता सिन्हा ने की है। राष्ट्रीय मानव अधिकार रक्षक पूरी तरह से, न्याय के उद्देश्य के लिए, समर्पण के साथ काम कर रही हैं। मानवाधिकार संरक्षण, सभी के लिए लोगों के बीच विचारों, लोकाचार के आदान-प्रदान द्वारा वंचितों को, आर्थिक उत्थान, शिक्षा, शांति, सद्भाव और एकता के लिए काम कर रही है। उक्त जानकारी राष्ट्रीय मानव अधिकार रक्षक के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने दी।

उन्होंने बताया कि संस्था के सदस्यों की उत्साह में कमी न हो और अपने अंदर के ऊर्जा को गतिशील बनाए रखने के लिए एक अभियान चला कर सभी सदस्यों को संकल्पित कराया जा रहा है। इसके लिए सभी सदस्यों को ग्रुप के माध्यम से जो जहां हैं वहीं से वीडियो क्लिपिंग तैयार कर संस्था के ग्रुप में डाले, ताकि सभी लोगों को एक दूसरे को दिखे की सभी सदस्य सक्रीय है और उनमें जोश बरकरार है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि संकल्प के रूप में “सभी को न्याय को लेकर आवाज उठाना है, हां मैने न्याय व्यवस्था को मजबूत करने का ठाना है।” का वीडियो क्लिपिंग बनाना है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मानव अधिकार रक्षक ने अबतक घरेलू हिंसा आदि से संबंधित लगभग 150 से अधिक मामले का निष्पादन कर चुका हैं और अपनी सदस्यता अभियान के तहत् लगभग 1500 से अधिक सदस्य बन चुके है। बिहार राज्य के 14 जिलों में सक्रीय रूप से काम कर रहे हैं। नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा देने के लिए, रक्तदान के लिए निःशुल्क भोजन वितरण एवं गेट-टुगेदर बैठक की नियमित रूप से कैंप लगाया जा रहा है।
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