पर्थ/नई दिल्ली, एजेंसी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत और आस्ट्रेलिया कौशल विकास, शिक्षा, सेवा, सूचना प्रौद्योगिकी, विनिर्माण और इंटरनेट आॅफ थिंग्स (आईओटी) जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ा सकते हैं। उन्होंने आस्ट्रेलिया की कंपनियों को भारत में निवेश का आमंत्रण दिया। गोयल ने कहा कि भारत में निवेश करने वाली आस्ट्रेलिया की कंपनियों का अपनी इकाइयों पर शतप्रतिशत स्वामित्व होगा और वे अपनी प्रौद्योगिकी और कारोबारी गोपनीयता को कायम रख सकेंगी।गोयल ने यहां दोनों देशों की कंपनियों के साथ दोपहर के भोजन पर आयोजित बैठक में कहा, आपके पास बड़े रक्षा बजट वाले भारत में बड़ा बाजार है। हम चाहेंगे कि आस्ट्रेलिया से भारत को निवेश का प्रवाह बढ़े। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आप वहां अपने देश में मिलने वाले रिटर्न से अधिक प्रतिफल हासिल करेंगे।
भारत और आस्ट्रेलिया ने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए आर्थिक सहयोग एवं विकास करार किया है।मंत्री ने कहा कि इस करार के तहत भारत संबंधों को विस्तार देने के लिए कई तरीके ढूंढ रहा है। विशेष रूप से कौशल विकास, शिक्षा और सेवा क्षेत्रों में संबंधों को विस्तार दिया जा सकता है। गोयल ने कहा, हम संभवत: मिलकर 5जी दूरसंचार प्रणाली के विकास पर भी काम कर सकते हैं। आॅस्ट्रेलिया, भारत का 17वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। वहीं भारत..आस्ट्रेलिया के लिए नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। 2021 में भारत ने आॅस्ट्रेलिया को 6.9 अरब डॉलर की वस्तुओं का निर्यात किया। वहीं इस दौरान आॅस्ट्रेलिया से आयात 15.1 अरब डॉलर का रहा।
कर संग्रह बीते वित्त वर्ष में उछलकर रिकॉर्ड 27 लाख करोड़ रुपये के पारनई दिल्ली। देश में कुल कर संग्रह बीते वित्त वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड 27.07 लाख करोड़ रुपये रहा। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में उछाल से कुल संग्रह बढ़ा है। राजस्व सचिव तरूण बजाज ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि सकल कर संग्रह अप्रैल 2021 से मार्च 2022 में 27.07 लाख करोड़ रुपये जबकि बजट में अनुमान 22.17 लाख करोड़ रुपये का था। प्रत्यक्ष कर संग्रह इस दौरान 49 प्रतिशत उछलकर 14.10 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजट अनुमान से 3.02 लाख करोड़ रुपये अधिक है। प्रत्यक्ष कर के अंतर्गत व्यक्तिगत आयकर और कंपनी कर आता है।
बजाज ने कहा कि उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क समेत अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2021-2 में 30 प्रतिशत बढ़कर 12.90 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजट अनुमान से 1.88 लाख करोड़ रुपये अधिक है। बजट में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 11.02 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। कर-जीडीपी अनुपात बीते वित्त वर्ष में उछलकर 11.7 प्रतिशत पर पहुंच गया जो 2020-21 में 10.3 प्रतिशत था।
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