दिनांक- 28 अप्रैल 2025

भारत की राष्ट्रपति ने आज नई दिल्ली में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में बिहार के श्री सुशील कुमार मोदी (मरणोपरांत) को सार्वजनिक जीवन में पद्म भूषण और श्रीमती निर्मला देवी को कला के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किया ।

पुरस्कार विजेताओं का जीवन और कार्य  –

 

श्री सुशील कुमार मोदी (मरणोपरांत)
श्री सुशील कुमार मोदी बिहार के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले उप-मुख्यमंत्रियों में से एक थे, जिन्होंने बिहार के विकास में बहुत योगदान दिया। उन्होंने बिहार की अर्थव्यवस्था को बदल दिया और भारत में वस्‍तु और सेवा कर शुरू करने में सक्रिय रूप से शामिल थे। उन्हें चारों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा में संसद सदस्य तथा विधान सभा और विधान परिषद के सदस्य का हिस्सा होने का अनूठा गौरव प्राप्त था।
2. 5 जनवरी, 1952 को जन्मे, श्री मोदी 10 वर्ष की आयु से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए थे। वे आरएसएस के प्रचारक थे, वर्ष 1977 से वर्ष 1986 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्णकालिक कार्यकर्ता थे और वर्ष1983 से वर्ष1986 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महासचिव थे। वे वर्ष 1973 से वर्ष1977 तक पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के कैबिनेट सदस्य और महासचिव थे। वे जय प्रकाश आंदोलन (1973) के दौरान सक्रिय थे और आपातकाल (1975-1977) के दौरान 19 महीने तक जेल में रहे।
3. श्री मोदी वर्ष 1990 में सक्रिय राजनीति में आए और वर्ष 1990 से वर्ष 2004 तक पटना निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधान सभा के सदस्य चुने गए। उन्होंने बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री (2005-2013 और 2017-2020) के रूप में सेवाकी। बिहार के सबसे लंबे समय तक वित्त मंत्री रहने के कारण, उन्हें राज्य के प्रभावी राजकोषीय प्रबंधन का श्रेय दिया जाता है, जिससे स्थिरता का दौर शुरू हुआ। उन्होंने राज्य के राजस्व में तेजी से वृद्धि की और राज्य को राजस्व अधिशेष वाले राज्य में बदल दिया। उन्होंने विकासात्मक व्यय में वृद्धि की और राज्य के लिए उद्योगों को बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने में सक्षम थे। उन्हें नवोन्मेषी विचारों के लिए भी जाना जाता था, जिसमें महिलाओं के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए जेंडर बजट की अवधारणा की शुरूआत की । राज्य वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष (2011-2013) के रूप में, उन्होंने भारत में वस्तु एवं सेवा कर की शुरूआत के लिए आम सहमति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जीएसटी की शुरूआत के बाद, वे जीएसटी परिषद (2017-2020) में विभिन्न मंत्रिसमूह के संयोजक/सदस्य रहे।
4. श्री मोदी कई सामाजिक कार्यों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे और उन्होंने ‘मृत्यु के बाद अंग और शरीर दान’ के बारे में जागरूकता फैलाने में प्रमुख भूमिका निभाई। वे रक्तदान के लिए ब्लड बैंक स्थापित करने और बिहार में थैलेसीमिया रोगियों के लिए मुफ्त रक्त आधान का आयोजन/व्यवस्था करने में सक्रिय रूप से शामिल थे। वे बिहार में दिव्यांगों की समस्याओं को दूर करने के लिए सहायता करने में भी शामिल थे।
5. श्री मोदी का राजनीतिक जीवन बहुत लम्बा और सफल रहा, जिसमें वेवर्ष 1990 से वर्ष2004 तक बिहार विधानसभा के सदस्य रहे। इस दौरान वे भाजपा के मुख्य सचेतक, विपक्ष के नेता (1996-2004), बिहार सरकार में संसदीय कार्य मंत्री (2000) रहे। वर्ष2004 में वे भागलपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सांसद चुने गए। वर्ष2005 से 2020 तक वे बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे। उन्होंने वर्ष2005-2013 और वर्ष2017-2020 के बीच उप-मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया। वे वर्ष2020-2024 तक राज्यसभा के सांसद चुने गए और कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष रहे।
6. 13 मई, 2024 को श्री मोदी का निधन हो गया ।

 

निर्मला देवी

श्रीमती निर्मला देवी, अध्यक्ष,भुसुरा महिला विकास समिति, मुजफ्फरपुर,ने सुजनी शिल्प के संरक्षण और वैश्विक प्रचार में असाधारण योगदान दिया है । इस पारंपरिक कला के प्रति उनके अथक समर्पण ने इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में मदद की है।

2. 15 अगस्त, 1947को जन्‍मी,श्रीमती निर्मला देवी आर्थिक समस्याओं के कारण अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाईं। तब से, वहसुजनी शिल्प को आगेबढ़ाने और दुनिया भर में इसकढ़ाई की पहचान स्थापित करने के लिए काम कर रही हैं। सुजनी कढ़ाई के प्रचार और संरक्षण में अपनेअपार योगदान के लिए बड़े पैमाने पर उनकी पहचान है। अपने प्रयासों से, उन्होंने अनगिनत महिलाओं को सुजनी कढ़ाई में प्रशिक्षण देकर सशक्त बनाया है, जिससे उनकी आमदनीमें काफी बढ़ोतरी हुईहै और उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता मिली है। उनके नेतृत्व में, भुसुरा महिला विकास समिति क्षेत्र की महिलाओं के लिए आशा की किरण बन गई है, जोउन्हें वैश्विक मंच पर अपने शिल्प का प्रदर्शन करने में सक्षम बनातीहै। महिलाओं के उत्थान और इस महीन शिल्प को संरक्षित करने में श्रीमती निर्मला देवी का योगदान उनके विजन और सामाजिक सशक्तिकरण के प्रति उनके समर्पण का प्रमाण है।

3. श्रीमती निर्मला देवी की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक 2007 में सुजनी कढ़ाई के लिए भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग हासिल करना था।यहएक मील का पत्थर था, जिसने इसकी अनूठी सांस्कृतिक पहचान स्थापित करने और इस सदियों पुराने शिल्प में लगे कारीगरों के अधिकारों की रक्षा करने में मदद की। उनकी महीन और कलात्मक कढ़ाई का काम बिहार, मुंबई और यहां तक कि लंदन के संग्रहालयों में प्रदर्शित किया गया है, जो सुजनी कढ़ाई की समृद्ध विरासत कोदुनिया मेंप्रदर्शित करता है। अपने अटूट समर्पण से, उन्होंने सुजनी कढ़ाई को वैश्विक मंच पर सफलतापूर्वक स्थापित किया है और भावी पीढ़ियों के लिए इसकी विरासत को संरक्षित किया है।

4. उनके प्रयासों को मान्‍यता देते हुए, श्रीमती निर्मला देवी को कढ़ाई और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जैसे कि 2003 में दिल्ली राजभवन में राष्ट्रीय पुरस्कार और 2007 में राज्य पुरस्कार।
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By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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