नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र से जुड़े कथित धनशोधन के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से सोमवार को दस घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। ईडी ने राहुल से मंगलवार को दोबारा पेश होने के लिए कहा। उधर, राहुल गांधी की पेशी पर सोमवार को कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली समेत देश के कई शहरों में ईडी कार्यालयों के बाहर ‘सत्याग्रह’ किया और मार्च निकाला, जिसे पार्टी के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है। मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया
दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में 10 घंटे की पूछताछ के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्यालय से बाहर निकले। pic.twitter.com/8DAnxHIwIH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 13, 2022
नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र से जुड़े कथित धनशोधन के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से सोमवार को दस घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। ईडी ने राहुल से मंगलवार को दोबारा पेश होने के लिए कहा।
उधर, राहुल गांधी की पेशी पर सोमवार को कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली समेत देश के कई शहरों में ईडी कार्यालयों के बाहर ‘सत्याग्रह’ किया और मार्च निकाला, जिसे पार्टी के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है।
मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया कि दिल्ली पुलिस की धक्कामुक्की के कारण पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम समेत उसके कई नेताओं को चोटें आई हैं। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि उसकी तरफ से कोई बल प्रयोग नहीं किया गया और पुलिसकर्मियों के कारण किसी के चोटिल होने की जानकारी उसके पास नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि राहुल गांधी पूर्वाह्न करीब 11.10 बजे एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी के मुख्यालय पहुंचे और करीब 20 मिनट तक कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने और उपस्थिति दर्ज कराने के बाद उनसे पूछताछ शुरू की गई।
राहुल गांधी को दोपहर करीब दो बजकर 10 मिनट पर भोजन के लिए ईडी मुख्यालय से बाहर जाने की इजाजत दी गई थी। भोजनावकाश के बाद वह दिन में करीब तीन बजकर 30 मिनट पर फिर ईडी के समक्ष पेश हुए। भोजनावकाश के दौरान उन्होंने गंगा राम अस्पताल में भर्ती अपनी मां सोनिया गांधी से मुलाकात की। पूछताछ के बाद राहुल देर रात करीब 11:10 बजे ईडी के दफ्तर से बाहर निकले।
समझा जाता है कि राहुल गांधी ने धनशोधन रोकथाम कानून की धारा 50 के तहत अपना बयान लिखित रूप से दिया।
राहुल गांधी का काफिला जब ईडी मुख्यालय पहुंचा तो गाड़ी में उनके बगल में प्रियंका गांधी भी बैठी हुई थीं।
कांग्रेस के मार्च और ‘सत्याग्रह’ को देखते हुए पुलिस ने ‘24 अकबर रोड’ (कांग्रेस मुख्यालय) जाने वाले कई रास्तों पर अवरोधक लगा दिए थे और इलाके में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी थी। इसे लेकर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यालय के निकट सिर्फ बुलडोजर नहीं दिख रहा है।
कांग्रेस नेताओं और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने अपने नेता के समर्थन में जमकर प्रदर्शन किया और मार्च निकाला। हालांकि, पुलिस ने उन्हें रोक दिया और हिरासत में ले लिया।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि नेताओं को दिल्ली के अलग-अलग थाने में रखा गया और कुछ नेताओं को कई घंटे तक हिरासत में रखा गया।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि राहुल गांधी की प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेशी पर पार्टी की ओर से निकाले गए विरोध मार्च के दौरान पुलिस की धक्कामुक्की में पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम, कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल समेत कांग्रेस के कई नेताओं को चोटें आई हैं।
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने कहा कि पुलिस द्वारा बल प्रयोग के कारण किसी के घायल होने की घटना की उसके पास जानकारी नहीं है, लेकिन वह ऐसी किसी भी शिकायत की गहन जांच करेगी और उचित कार्रवाई करेगी। उसने कहा कि 26 सांसदों और पांच विधायकों सहित 459 लोगों को हिरासत में लिया गया था और सभी महिलाओं एवं पदाधिकारियों को रिहा कर दिया गया है।
कांग्रेस नेताओं ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की ‘‘अनुमति नहीं देने’’ के लिए सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वे मोदी सरकार के सामने नहीं झुकेंगे और उन्होंने अपना आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया।
भाजपा ने कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा मार्च निकालने और ‘‘सत्याग्रह’’ किए जाने को जांच एजेंसी पर खुलेआम दबाव डालने की ‘‘रणनीति’’ करार दिया। इसके साथ ही भाजपा ने आरोप लगाया, ‘‘भ्रष्टाचार के समर्थन में किए गए इस आयोजन का उद्देश्य गांधी परिवार की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को बचाना है।’’
ईडी धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत राहुल गांधी का बयान दर्ज कर रही है।
अधिकारियों के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है, ताकि ‘यंग इंडियन’ और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेन-देन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके। ‘यंग इंडियन’ के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं।
समझा जाता है कि मामले से जुड़े सहायक निदेशक स्तर के एक ईडी अधिकारी ने ‘यंग इंडियन’ की स्थापना, ‘नेशनल हेराल्ड’ के संचालन और धन के कथित हस्तांतरण को लेकर सवालों की सूची सामने रखी। ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितताएं भी जांच के दायरे में हैं।
कांग्रेस का कहना है कि उसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं तथा ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति के तहत की जा रही है। उसने यह भी कहा है कि पार्टी और उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने पार्टी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस एक राजनीतिक दल है और एक राजनीतिक दल किसी कंपनी में हिस्सेदारी नहीं खरीद सकता। इसलिए, ‘यंग इंडियन’ के नाम से एक गैर-लाभकारी कंपनी (नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी) को ‘नेशनल हेराल्ड’ एवं एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के शेयर दिए गए, ताकि 90 करोड़ रुपये का कर्ज खत्म हो सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस 90 करोड़ रुपये में से 67 करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन एवं वीआरएस के लिए दिए गए तथा बाकी सरकार का बकाया, बिजली के बिल तथा भवन के लिए भुगतान हुआ। यह अपराध कैसे हो सकता है? यह तो कर्तव्य का बोध है। हमने मोदी सरकार की तरह देश की संपत्ति अपने उद्योगपति मित्रों को नहीं बेच डाली।’’
सुरजेवाला के अनुसार, ‘नेशनल हेराल्ड’ के स्वामित्व वाले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के पास आज भी सारी संपत्ति हूबहू सुरक्षित है।
दिल्ली की एक निचली अदालत द्वारा ‘यंग इंडियन’ के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिए जाने के बाद एजेंसी ने पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज किया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस संबंध में 2013 में एक शिकायत दर्ज कराई थी।
स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी की साजिश रचने एवं धन के गबन का आरोप लगाया था और कहा था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो एजेएल पर कांग्रेस का बकाया था।