भारतीय सब्जी अनुशंधान संस्थान वाराणासीCAR -iivr भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की अंगीकृत ईकाइ भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के संस्थान निदेशक डॉ. तुषार कान्ति बेहेरा एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक और कृषि प्रोद्योगिकी सूचना केन्द्र मैनेजर डा. नीरज कुमार सिंह के साथ चंदन कुमार।

 

भारतीय सब्जी अनुशंधान संस्थान वाराणासी
CAR -iivr भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की अंगीकृत ईकाइ भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के संस्थान निदेशक डॉ. तुषार कान्ति बेहेरा एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक और कृषि प्रोद्योगिकी सूचना केन्द्र मैनेजर डा. नीरज कुमार सिंह के साथ चंदन कुमार।

 

मोकामा को तकनीकी हब बनाने के लिये अनुशंसा एवं सब्जी उत्पादक किसानों की समस्या और निदान , बीज की उपलब्धता आदि विषयों पर चर्चा करते हुये ।

कोविड-19 के कारण महामारी संकट के बीच, पोषण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में सब्जी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हमें पहले से कहीं अधिक तैयार रहने और पौष्टिक संतुलित आहार खाकर समुदायों की सुरक्षा की दिशा में काम करने की जरूरत है। जब हम स्वस्थ भोजन के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले खाद्य पदार्थ जो अक्सर हमारे दिमाग में आते हैं वे सब्जियां हैं जो विटामिन, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट के समृद्ध स्रोत हैं; वे मानव शरीर के समुचित कार्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन आशय को लेकर मोकामा के प्रगतिशील किसान चंदन कुमार एवं मुकेश कुमार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की अंगीकृत ईकाइ भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी आये और संस्थान के निदेशक डा. तुषार कांति बेहेरा से मिले । चंदन कुमार ने सब्जी उत्पादन में किसानों को आ रही समस्याओं जैसे बीज की उपलब्धता, कीटों और बिमारियों की समस्या और उत्पादन के बाद की समुचित व्यवस्था आदी विषयों को निदेशक के सामने रखा । भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. तुषार कांती बेहेरा ने मोकामा और टाल क्षेत्र के सब्जी उत्पादक किसानों की हर संभव मद्द करने का आश्वासन दिया । वैज्ञानिकों द्वारा क्षेत्र दौरा और आ रही समस्याओं का अवलोकन और निष्पादन का वायदा किया । वहीं किसान प्रणव शेखर शाही से बातचीत के दौरान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक और कृषि प्रोद्योगिकी सूचना केंद्र के प्रबंधक डा. नीरज सिंह ने सब्जी उत्पादन के तीन आधार उत्पादन, शीतगृह और प्रसंस्करण ईकाइ पर चर्चा किया । और उन्होंने सब्जी उत्पादन और मटर उत्पादन के लिये पूरे टाल क्षेत्र के किसानों में से मास्टर ट्रेनर चूनकर उन्हें संस्थान द्वारा ट्रेनिंग देने की बात रखी जो किसानों को उत्पादन के दौरान आ रही समस्याओं का निष्पादन करेंगे ।डा. नीरज कुमार ने बिहार और क्षेत्र के किसानों को विशेष संदेश दिया कि किसान मिलजुलकर खेती करें और अपनी लडाई खूद लडें । किसान किसान का साथ दे सकता है लेकिन नेता और अधिकारी अपनी अलग अलग सम्स्याओं के कारण किसान के साथ खडा नहीं हो सकता।

By प्रणव शेखर शाही

किरदार शिद्दत से निभाइये ज़िन्दगी में, कहानी एक दिन सभी को होना है...! अन्नदाता at भारतीय किसान - indian farmer, Director of Operations at Taal Farmers producers' company and प्रबंधक at टाल चौपाल लखनचंद, मोकामा, पटना बिहार-803303

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