पटना, भाई-बहन के अटूट रिश्ते का पर्व है सामा-चकेवा है।बिहार के मिथिलांचल में सामा-चकेवा पर्व का खास महत्‍व है। यह पर्व छठ के साथ ही शुरू हो जाता है और धूमधाम से मनाने की परंपरा है। इस पर्व को इस पर्व को भाई-बहन के प्यार के तौर पर मनाया जाता है।
भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक सामा-चकेवा पर्यावरण से संबद्ध भी माना जाता है।शाम ढ़लते ही बहनों द्वारा डाला में सामा चकेवा को सजा कर सार्वजनिक स्थान पर बैठ कर गीत गाया जाता है। जैसे सामा चकेवा अइह हे…! वृंदावन में आग लगले…! सामा चकेवा खेल गेलीए हे बहिना… आदि गीतों द्वारा हंसी -ठिठोली की जाती है और भाई को दीर्घायु होने की कामना की जाती है।पारंपरिक लोक​गीतों से जुड़ा सामा-चकेवा मिथिला संस्कृति की वह खासियत है, जो सभी समुदायों के बीच व्याप्त जड़ बाधाओं को तोड़ता है।इस पर्व को भाई बहन के प्रेम और स्नेह के रूप में मनाया जाता है। हरेक बहन अपने भाई की दीर्घायु की कामना करती हैं।
मिथिलांचल में भाइयों के कल्याण के लिए बहनें सामा चकेवा का पर्व मनाती हैं। इस पर्व की चर्चा पुरानों में भी है। पर्व के दौरान बहनें सामा, चकेवा, चुगला, सतभईयां को चंगेरा में सजाकर पारंपरिक लोकगीतों के जरिये भाइयों के लिए मंगलकामना करती हैं। सामा-चकेवा का उत्सव पारंपरिक लोकगीतों से है।
यह उत्सव मिथिला के प्रसिद्ध संस्कृति और कला का एक अंग है जो सभी समुदायों के बीच व्याप्त सभी बाधाओं को तोड़ता है। आठ दिनों तक यह उत्सव मनाया जाता है ,और नौवे दिन बहनें अपने भाइयों को धान की नयी फसल का चूड़ा एवं दही खिला कर सामा- चकेवा के मूर्तियों को तालाबों में विसर्जित कर देते हैं।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed