सार

प्रदर्शन के बीच सुप्रिया सुले ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की

सुप्रिया सुले. -फाइल फोटो

महाराष्ट्र परिवहन विभाग के कई कर्मचारी आज अचानक मुंबई स्थित शरद पवार के घर के बाहर पहुंच गए. राज्य कर्मचारियों ने शरद पवार की पार्टी जो महाराष्ट्र सरकार में गठबंधन में शामिल है, पर किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया.

शरद पवार के घर के बाहर प्रदर्शन करते कर्मचारी.

विस्तार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार के मुंबई स्थित घर के बाहर राज्य परिवहन कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया है. कर्मचारियों ने सरकार पर वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है. कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान सुप्रिया सुले ने उन्हें शांत करने की कोशिश की, लेकिन विरोध जारी रहा।

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के 100 से अधिक हड़ताली कार्यकर्ताओं ने शरद पवार के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए एनसीपी चीफ के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनके मुद्दों को हल करने के लिए शरद पवार और उनकी पार्टी ने कुछ नहीं किया है. हड़ताली कर्मचारियों  ने कहा कि वे MSRTC के राज्य सरकार में विलय की अपनी मांग पर अडिग हैं.

कर्मचारी दोपहर में दक्षिण मुंबई में पवार के आवास ‘सिल्वर ओक’ पहुंचे और उनके खिलाफ नारेबाजी की. कुछ कर्मचारियों ने उनके जूते भी उनके घर की ओर फेंक दिए MSRTC के एक आंदोलनकारी कर्मचारी ने कहा कि हड़ताल के दौरान लगभग 120 एमएसआरटीसी कर्मचारियों ने आत्महत्या की है. ये आत्महत्या नहीं हैं, बल्कि राज्य नीति की हत्याएं हैं. हम राज्य सरकार के साथ एमएसआरटीसी के विलय की अपनी मांग पर दृढ़ हैं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कुछ भी नहीं किया है इस मुद्दे को हल करें ।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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