वृद्धाश्रम और बच्चों की संस्कारशाला में रोटरी चाणक्या बाँटे ज़रूरत के सामान

पटना, संवाददाता। आज विश्व योग दिवस के अवसर रोटरी चाणक्या ने पटेल नगर स्थित वृद्धाश्रम सेवा कुटीर में जाकर वृद्ध महिलाओं, पुरुष के बीच उनके ज़रूरतों का सामान वितरित किया। इन सामानों में एक टीवी,वृद्धाश्रम में रहने वाले सभी बुजुर्गों के लिए बाल्टी, मग ,बर्तन, चटाई और कई तरह के कपड़े जूते चप्पल छाता, टीवी,  शामिल थे। रोटरी चाणक्य के सौजन्य से वृद्ध जरूरतमंदों के सहयोग के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद एवं जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन प्रसाद थी।

मौक़े पर राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि हम सब का कर्तव्य है कि हम अपने बुज़ुर्गों का ख्याल रखें , उनकी देखभाल करें। मौक़े पर रागिनी रंजन ने कहा कि वैसे बुजुर्गों की हम सब को मदद करनी चाहिए जिनकी देख भाल करने वाला कोई नहीं है । रोटरी चाणक्य के अध्यक्ष आशीष कुमार बंका एवं सचिव संदीप चौधरी ने कहा कि ये हमसब का सौभाग्य है कि हमें कुछ जरूरतमंद बुजुर्गों की सेवा करने का मौक़ा मिला है। हम सब आगे भी ऐसा ही कुछ करते रहेंगे।

कार्यक्रम की संयोजिका डाक्टर नम्रता आनंद ने मौक़े पर कहा कि सच में हम भाग्यशाली हैं कि हमें आशीर्वाद देने और हमारा मार्गदर्शन करने के लिए हमारे बीच हमारे बड़े बुजुर्ग हैं । हमें इनका सम्मान करना चाहिए और इनकी सेवा का मौक़ा तलाशना चाहिए। वृद्धाश्रम के बाद रोटरी चाणक्या की यही टीम पटना से 15 किमी दूर कुरथौल पहुँची और वहाँ फ़ुलझरी गार्डेन स्थित संस्कारशाला पहुँच कर लगभग सौ बच्चों के बीच अध्ययन सामग्री का वितरण किया। इस अवसर पर रोटरी चाणक्य के प्रेसिडेंट आशीष बंका सेक्रेटरी संदीप चौधरी, कोषाध्यक्ष अभिषेक लोहिया, सुनील सर्राफ, अभिषेक अनूप, प्रशांत अग्रवाल एवं डॉ नम्रता आनंद उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाने में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। समाज सेविका डॉ नम्रता आनंद का कहना है कि मानवता ही सबसे बड़ी सेवा है।

रोटरी चाणक्या के सभी सदस्यों के अंदर मानवता भरी है जिस कारण व सदैव तत्पर रहते हैं गरीब जरूरतमंदों की मदद के लिए। रोटरी चाणक्या के सेक्रेटरी संदीप चौधरी ने कहा कि हमारे बुजुर्ग हमारी आन बान शान है अगर उनके चेहरे पर मुस्कुराहट होगी तभी हमारा जीवन भी सुखी संपन्न होगा। इसलिए आइए अपने बुजुर्गों का मान सम्मान करें एवं उनके चेहरे पर विभिन्न प्रयासों के द्वारा मुस्कुराहट लाए।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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