हैदराबाद, एजेंसी। दिल्ली से हैदराबाद जा रही एक फ्लाइट में सवार तेलंगाना की राज्यपाल डा. तमिलिसाई सुंदरराजन उस समय चर्चा का विषय बन गई जब उन्हें एक डाक्टर की भूमिका में देखा गया।

दरअसल मामला यह है कि फ्लाइट में सवार एक यात्री अचानक से बीमार हो गया जिसकी देखभाल के लिए राज्यपाल ने एक डाक्टर की भूमिका निभाई। उन्होंने अपने साथी यात्री की तबीयत बिगड़ने पर उनकी प्रारंभिक जांच की और उनकी सहायता की।

इंडिगो की उड़ान के दौरान एयर होस्टेस ने एक घबराहट भरी काल की। होस्टेस ने यात्रियों से काल पर पूछा- क्या इस फ्लाइट में कोई डाक्टर है। होस्टेस की बात सुनते ही डा सुंदरराजन यात्री को पसीने से तर-बतर देखकर पीछे की ओर दौड़ीं। राज्यपाल ने जांच कर पाया कि यात्री को अपच के लक्षण थे। यात्री को इसके बाद सीधा लेटा दिया गया और प्राथमिक चिकित्सा के साथ दवाई दी गई।

बता दें कि इस बात की जानकारी खुद राज्यपाल ने खुद ट्वीट कर दी। उन्होंने बताया कि इसके बाद बीमार यात्री काफी खुश दिख रहे थे। उन्होंने बताया कि हैदराबाद पहुंचने पर यात्री को व्हीलचेयर से हवाई अड्डे के मेडिकल बूथ तक पहुंचाया गया। सुंदरराजन ने समय पर सतर्कता दिखाने और सुविधा के लिए इंडिगो एयर होस्टेस और कर्मचारियों की सराहना की।

Mr Mudavath, it was our absolute pleasure to have @DrTamilisaiGuv onboard with us. We salute our superheroes and can’t thank them enough for their selfless contribution always.💙 https://t.co/CEAN6jpwHI

तेलंगाना की राज्यपाल द्वारा यात्री की मदद के बाद इंडिगो ने भी ट्वीट कर उनकी तारीफ की। इंडिगो ने कहा कि यह हमारे लिए खुशी की बात थी कि राज्यपाल हमारे साथ फ्लाइट में थीं। हम अपने सुपरहीरो को सलाम करते हैं और हमेशा उनके निस्वार्थ योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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