मांस और मंदिरा (शराब) के सेवन पर हिन्दू धर्म में क्या है नियम जानिए गीतायन के लेखक श्री आनंद से |



आज हम बात कर रहे हैं मांस भक्षण और मंदिरा सेवन पर हिन्दू धर्म में क्या है मान्यता कार्यक्रम के उपदेशक श्री आनदं धर्म के जानकार, बता दे की श्री आनंद कुमार जी ने अभी अभी एक किताब लिखी है जो की amazon पर बेस्ट सेलर जा रही है
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By Shubhendu Prakash

शुभेन्दु प्रकाश 2012 से सुचना और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र मे कार्यरत है साथ ही पत्रकारिता भी 2009 से कर रहें हैं | कई प्रिंट और इलेक्ट्रनिक मीडिया के लिए काम किया साथ ही ये आईटी services भी मुहैया करवाते हैं | 2020 से शुभेन्दु ने कोरोना को देखते हुए फुल टाइम मे जर्नलिज्म करने का निर्णय लिया अभी ये माटी की पुकार हिंदी माशिक पत्रिका में समाचार सम्पादक के पद पर कार्यरत है साथ ही aware news 24 का भी संचालन कर रहे हैं , शुभेन्दु बहुत सारे न्यूज़ पोर्टल तथा youtube चैनल को भी अपना योगदान देते हैं | अभी भी शुभेन्दु Golden Enterprises नामक फर्म का भी संचालन कर रहें हैं और बेहतर आईटी सेवा के लिए भी कार्य कर रहें हैं |

2 thoughts on “मांस और मंदिरा (शराब) के सेवन पर हिन्दू धर्म में क्या है नियम जानिए गीतायन के लेखक श्री आनंद से |”
  1. ऋगवेद ५/५१/१२
    यजुर्वेद १२/३२
    यजुर्वेद १६/३
    अथर्ववेद १९/४८/५
    अथर्ववेद ८/३/१६
    ऋगवेद ८/१०१/१५

    जरा इसका भी विश्लेषण कर लें। मार्कण्डेय ऋषि कोई भगवान के अवतार नहीं हैं। और मांस खाना है तो फिर गाय और बकरी में भेद कैसा। सब खाइये।

  2. vedas for the education purposes not law | anand तो पहले ही कह चुके हैं की कुछ लोग खुद को मार्कन्डे ऋषि से भी ज्यादा जान्ने वाला समझ लेते हैं | गाय का मांस हम इसलिए नही खा सकते क्योंकि हिन्दू परम्पराओं में गाय को हमने माता का दर्जा दिया है वहाँ भावना जूरी है | मुश्लिमो की भावना नही जुडी है इसलिए वो खाते हैं | अब आपके कुतर्क का जबाब कुतर्क से भगवान अगर राक्षस की हत्या करते हैं तो वो भगवान बन जाता है या स्वर्ग को प्राप्त होता है फिर मनुष्य अगर अपने अलावा किसी भी अन्य जिव की हत्या करे तो वो भी तो कम से कम मनुष्य तो बन ही जाएगा | अंत मे कहना चाहूंगा वैसे तो ये संस्कृत का श्लोक' है आपके लिय हिंदी मे :- जिसे कोई ज्ञान नही होता उसे समझाना आशान है , जो बुद्धिमान है उसे समझाना और भी आशान है लेकिन जो अधूरा ज्ञान प्राप्त करता है उसे ब्रह्मा भी नही समझा सकते फिर हम क्या चीज है राधे राधे |

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