जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 11 अक्तूबर ::

मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा ने महिषाशुर नाम के राक्षस का वध किया था और भगवान राम ने रावण को युद्ध में पराजित किया था, इसलिए दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व को अधर्म पर धर्म, बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत के लिए भी जाना जाता है। विजयदशमी के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ (इंद्रजीत) के पुतलों का दहन किया जाता है। मान्यता यह भी है कि दशमी के दिन गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन, कान छेदन जैसे मांगलिक कार्य करना शुभ होते हैं।

पंचांग के अनुसार, विजयादशमी अश्विन माह की शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है और इसकी शुरुआत इस वर्ष 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानि 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार इस वर्ष 13 अक्टूबर को विजयादशमी पर्व मनाया जाएगा।

रावण दहन प्रदोष काल में किया जाता है और प्रदोष काल 12 अक्टूबर को 5 बजकर 54 मिनट से 7 बजकर 26 मिनट तक शुभ मुहूर्त है।
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