VIP के तीनों विधायक मुकेश साहनी को छोड़ गए
पटना। विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष और राज्य के पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी का भाजपा को यूपी चुनाव में आँख दिखाना उन्हें आज तब काफी भारी पड़ गया जब उनकी पार्टी के तीनों विधायक स्वर्णा सिंह, मिश्रीलाल यादव और राजू सिंह ने उनसे अपना पल्ला झाड़ते हुये प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल और दोनों उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के साथ विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुँच वीआइपी छोडने और भाजपा में जाने की घोषणा कर दी। ज्ञात है कि वीआइपी के तीन ही विधायक हैं। इसी के साथ बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो गया है और अब बिहार में भाजपा नंबर एक पार्टी हो गयी।
मुकेश सहनी 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन छोड़ एनडीए में शामिल हुए थे। उनके सिंबल पर चुनाव जीते तीनों विधायक भाजपा के ही नेता थे। मुकेश सहनी एनडीए में रहते हुये यूपी चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने गए थेl अभी बिहार में हो रहे एमएलसी चुनाव में भी कई सीटों पर दावेदारी ठोंक रहे थे, पर उन्हें एनडीए में एक भी टिकट नहीं मिला। उन्होंने कई सीटों पर प्रत्याशी उतार दिया, साथी ही बोचहां विधानसभा उपचुनाव में भी अपना प्रत्याशी खड़ा कर दिया।
मुकेश सहनी ने मंगलवार को ही कहा था कि वे अब एनडीए में नहीं है, हांलाकी इसीके साथ यह भी कहा कि हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हैं। उन्होंने कहा था कि हालात बता रहे हैं कि मुझे एनडीए से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने कहा था कि भाजपा मेरी ताकत देख मेरे पास आयी थी। जबकि बतौर विधान पार्षद मुकेश साहनी का कार्यकाल कुछ ही हफ्तों में पूरा होने वाला है, यानी वीआइपी का कोई भी विधायक या विधान पार्षद बिहार में नहीं बचेगा। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने वीआइपी के तीनों विधायकों के भाजपा में विलय को भी मान्यता दे दी है। उधर मुकेश सहनी ने कहा कि मुझे विधायकों के भाजपा में शामिल होने की कोई जानकारी नहीं है। उधर उनकी पार्टी के प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि हमारी पार्टी निषाद आरक्षण की लड़ाई लड़ रही है और लड़ती रहेगी। हमारे विधायकों ने किसके इशारे पर ऐसा किया है, जनता सब जानती है। हम 40 विधायकों के साथ वापसी करेंगे।
वीआईपी के तीनों विधायकों के भाजपा में शामिल होने से भाजपा बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है। अब तक 75 विधायकों के साथ राष्ट्रीय जनता दल बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी था। इन तीनों विधायकों के भाजपा में आ जाने के बाद अब भाजपा के 77 विधायक हो गए हैं। जदयू 46 विधान सभा सदस्यों के साथ तीसरे, 19 विधायकों के साथ कांग्रेस चौथे नंबर और 12 विधायकों वाली भाकपा माले पांचवें, एआइएमआइएम 5 विधायकों के साथ छठे नंबर और जीतन राम मांझी की हम 4 विधायकों के साथ सातवें नंबर पर है। विधान सभा में भाकपा और माकपा के दो-दो विधायक हैं।