मैं मेरा दोस्त और हसीन दिलरुबा | Poetry By Ankit Paurush | The Ankit Paurush Show

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मैं और मेरा दोस्त अनुपम, सुबह सुबह पी रहे थे चाय,
हमको देखकर एक मित्र महोदय आए,
हमने पूछा तुमने चेहरा क्यूं लटका रखा है,
क्या दर्द है जिसको छुपा रखा है।

वो पहले कुछ संकोच में आया,
फिर उसने अपना हाल बताया,
क्या ये जिंदगी ऐसे ही गुजर जाएगी,
क्या कभी कोई हसीना गर्लफ्रेंड बन पाएगी,
मैं भी किसी का ब्वॉयफ्रेंड बनना चाहता हूं,
कोई हसीना के साथ प्रेम के दीपक जलाना चाहता हूं,
मैं अकेला हूं, प्यार करना चाहता हूं।

उसको हो गया था प्यार,
पर किस्से करना है, उसका था इंतजार,
उसके गम को देखकर हमारे मित्र को दया आई,
मेरी तरफ इशारा कर के हाथ देखने की मांग जताई,
हम उस समय हस्त रेखा विशेषज्ञ हुआ करते थे,
जो मन में आए वही बक दिया करते थे।

उसको देखकर मैंने उससे बोला,
वाह भाई तुझे प्यार हो गया,
प्यार ही जप है,
प्यार ही तप है,
प्यार ही पूजा है,
इसके बिना न कोई दूजा है।

उसके हाथ को देखकर बोला,
कृपा यहां अटकी हुई है,
सूर्य की रेखा थोड़ी भटकी हुई है।

तुझे कुछ प्रयास करने होंगे,
एक पैर पर खड़ा होकर,
कुछ महीने सूर्य देव के जप करने होंगे,
जब सूर्य देव खुश हो जाएंगा,
तेरा चहरे में चमक जगाएंगे,
और कोई हसीना आ जायेगी,
तेरी दिलरुबा बन जाएगी।

लड़का खुश हो गया,
फिर वापस उसको याद दिलाया,
प्यार ही जप है,
प्यार ही तप है,
प्यार ही पूजा है,
इसके बिना न कोई दूजा है।

अब महोदय दिन रात तपस्या में विलीन हो गए,
हम भी कॉलेज हॉस्टल दोस्तों में लीन हो गए।

अब हम इंजीनियरिंग के सेकंड ईयर में आ गए,
जब तक फ्रेशर थे, अब फ्रेशर्स को देखने आ गए,
महोदय भी सेकंड ईयर में आ गए,
वेलेंटाइन डे के दिन एक गुलाब लेकर आ गए,
तप कर कर के तप गया हूं,
अब प्यार का इजहार करूंगा,
इस हसीना को फूल देकर,
मैं प्यार करूंगा।

बहुत उम्मीदों के साथ दिया था फूल,
तुरंत लड़की ने लौटा दिया,
हम वहां खड़े होकर देख रहे थे,
फिर उतारा मुंह लेकर वो मित्र महोदय हमारे पास आ गए।

बोला जप किया, तप किया,
फिर भी एक लड़की प्रेमिका न बनी,
वो अपने दिल कि बात कह रहा था,
और हम सुन रहे थे।

अब क्या करें हाथ तो हमने देखा था,
अचानक से एक बात क्लिक हो गई,

हमने बोला प्यार का नाम त्याग भी है,
तेरी हो न सकी, किसी और की हो गई।

By Ankit Paurush

अंकित पौरुष अभी बंगलोर स्थित एक निजी सॉफ्टवेर फर्म मे कार्यरत है , साथ ही अंकित नुक्कड़ नाटक, ड्रामा, कुकिंग और लेखन का सौख रखते हैं , अंकित अपने विचार से समाज मे एक सकारात्मक बदलाव के लिए अक्सर अपने YouTube वीडियो , इंस्टाग्राम हैंडल और सभी सोसल मीडिया के हैंडल पर काफी एक्टिव रहते हैं और जब भी समय मिलता है इनके विचार पंख लगाकर उड़ने लगते हैं

6 thoughts on “मैं मेरा दोस्त और हसीन दिलरुबा | Poetry By Ankit Paurush | The Ankit Paurush Show”
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