Unravel the Mystery of Women: स्त्री

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सृष्टि कि रचना में, दोनों का योगदान है,
जितना पुरुष प्रधान, उतनी स्त्री प्रधान है,
दोनो अपनी अपनी जगह महान है।

पर त्याग स्त्री का ज्यादा है,
तुम अपना परिवार बनाते हो,
वो तुम्हारे परिवार को अपना बनाती है,
तुम अपना कुल बढ़ाते हो,
वो तुम्हारा कुल बढ़ाती है,
तुम्हारा त्याग तुम तक सीमित है,
उसका त्याग तुम तक सीमित है।

पर स्त्री को कितने युद्ध लड़ने होंगे,
इस समाज की सीमित मानसिकता से,
पहला युद्ध कोख से ही चालू हो जाता है,
कुंचित मानसिकता के कारण जन्म से पहले गर्भपात हो जाता है।

समाज भी थोड़ा थोड़ा सुधर रहा है,
स्त्री पुरुष से ज्यादा सबको इंसान समझ रहा है,
पर फिर भी पूरा समझना बाकी है,
इंसान को पूर्ण इंसान बनना बाकी है।

कुछ ऐसे परिवार देखे मैंने,
अपने लड़कों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाया,
लड़कियों को सरकारी शिक्षा ने बढ़ाया,
आखिर इतनी भेद भाव क्यू,
शारीरिक अंतर सही, पर मानसिक अंतर क्यों।

उम्र बढ़ी शारीरिक गतिविधियां बढ़ी
मासिक धर्म है कोई अपराध नहीं,
सृष्टि की रचना का यूं तिरस्कार नहीं।

कुछ परिवार ने समाज को मार्ग दर्शन दिखाया,
बेटी को पढ़ाया लिखाया साकार बनाया,
अब बेटी अपने पैरों पर खड़ी होना चाहते है,
वो भी नौकरी करना चाहती है,
कुछ कुंचित समाज चुनौतियों की तरह खड़े हो जाते हैं,
निम्न मानसिकता के कारण प्रतिभाओं के सपने टूट जाते हैं।

फिर अलविदा करने की घड़ी आ गई,
एक परिवार छोड़कर दूसरा परिवार बनाने आ गई,
परिवार बनाने के लिए फिर सपनो को तोड़ दिया,
जिस घर में पैदा हुई उस घर को छोड़ दिया।

समाज कुछ त्याग तुम भी कर दो,
उसकी उमंगों को जीवन से भरदो,
तुम्हारी तरह वो भी समाज का हिस्सा है,
तुम समाज हो वो समाज का श्रोत है,
समाज गंगा है, तो स्त्री गंगोत्री,
समाज जमुना है, तो स्त्री जमुनोत्री,
श्रोत का सम्मान करो,
हर उमंगों को न ना करो।

हां है तो ना भी होगा,
पर हमेशा ना ठीक नहीं,
उमंगों की सात्विकता को पहचानो,
सात्विक इच्छाओं को न मारो।

अंकित पौरुष

By Ankit Paurush

अंकित पौरुष अभी बंगलोर स्थित एक निजी सॉफ्टवेर फर्म मे कार्यरत है , साथ ही अंकित नुक्कड़ नाटक, ड्रामा, कुकिंग और लेखन का सौख रखते हैं , अंकित अपने विचार से समाज मे एक सकारात्मक बदलाव के लिए अक्सर अपने YouTube वीडियो , इंस्टाग्राम हैंडल और सभी सोसल मीडिया के हैंडल पर काफी एक्टिव रहते हैं और जब भी समय मिलता है इनके विचार पंख लगाकर उड़ने लगते हैं

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