सुनाई दे रहा है कुछ मीडिया मित्रो और डिजिटल मीडिया चैनल से की बिहार मे उद्योग कल कारखाने लगनेवाले हैं

मतलब ऐसा होनेवाला है जल्द ही होनेवाला है , सह्न्वाज हुसैन को डिमोशन करके केंद्र से राज्य मे भेजा गया अर्थ निति पर पकड़ रखने वाले को बिहार से बाहर भेज दिया जाता है ,

जब से शहनवाज हुसैन आयें हैं तब से यहाँ उद्योग लगने की बातो ने जोड़ पकड लिया है , कभी एथेनोल की फैक्ट्री लगाने की बात करते हैं तो कभी TT बनियान वाले को बुलाकर कच्छा पहनाने की बात कुल मिलाकर आजकल ढिंढोरा खूब पिटा जा रहा है और अभी तक एक सुई की फैक्ट्री भी नही लगा पाए .

सरकार का बजट समझ सकता हु इसलिए पि आर भी डिजिटल मीडिया वालो के भरोषे ही हो रही है . देश की अर्थवयवस्था और डॉलर के मुकाबले पैसा का गिरता भाव , बाजर से विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल रहें हैं भारत का कुल निर्यात घाटा बढ़ता जा रहा है . ऐसे माहौल मे उद्योग लगाने को हम किस तरह से देखे ? जूमला सूना है असंसदिये भाषा हो गई डिंग हाकना ठीक रहेगा , तो कह सकते हैं की बिहार की सरकार डिंग हाक रही है और मीडिया या तो पैसा लेकर उसे प्रोप गेट कर रही है या फिर महिमा मंडन कुछ कह नही सकते क्योंकि मेरे पास इसका कोई पुख्ता सबूत नही है . अरे भाई लगा दीजियेगा जब तब चिल्ला भी लिजियेया लेकिन एक दिन ऐसा आयेगा वाली बात मुझे डिंग हाकने जैसी ही लग रही है .

मानो ऐसा परतीत होत्ता है की खाने का बुफे लगा हुआ है सभी लोग इन्तजार मे है और थाली दिखाकर सबको रोका जा रहा है और कहा जा रहा है की थाली लग गया है लेकिन खाने में थोड़ी देर है . लोग बाग़ हलवाई के पास पहुचते हैं तो वो बता रहा है की पनीर की सब्जी से लेकर चिकन मटन सब का इंतजाम है मगर अभी मटेरियल नही आया है थोड़ा सब्र कीजिये जैसे ही बनेगा पहुच जाएगा उधर खाने के स्टाल पर वेटर कह रहा है बस बस कुछ ही देर में खाना बनेगा . हम तो अब उकता गए हैं इतने देर में तो घर पर पनीर लाकर खा चुके होते

कुछ इसी तरह का बुफे बिहार सरकार और सह्नावाज भाई भी लगाए हुए हैं चलिए दिल बहलाने के लिए ही सही यह ख्याल अच्छा है ग़ालिब।

आर्थिक मंदी के दौर मे उद्योग लगाने की बात करते हो ! झूठ पकड मे ना आ जाए इसलिए सफ़ेद झूठ बोला करते हो !

शेर चूहा त खबर यह भी बनती है की प्रधानमंत्री ने तेजश्वी यादव को वजन घटाने का टिप्स दे डाला और पाठक उसे भी बड़े चाव से पढ़ डालते हैं

अरे भाई इतना ही बकवास सुनने में मजा आ रहा है तो मेरा भी बकवास सुन लो ना !
सबको तो दे ही रहे हो समय थोड़ा समय मुझ पर भी खर्च कर लो ना !

By Shubhendu Prakash

शुभेन्दु प्रकाश 2012 से सुचना और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र मे कार्यरत है साथ ही पत्रकारिता भी 2009 से कर रहें हैं | कई प्रिंट और इलेक्ट्रनिक मीडिया के लिए काम किया साथ ही ये आईटी services भी मुहैया करवाते हैं | 2020 से शुभेन्दु ने कोरोना को देखते हुए फुल टाइम मे जर्नलिज्म करने का निर्णय लिया अभी ये माटी की पुकार हिंदी माशिक पत्रिका में समाचार सम्पादक के पद पर कार्यरत है साथ ही aware news 24 का भी संचालन कर रहे हैं , शुभेन्दु बहुत सारे न्यूज़ पोर्टल तथा youtube चैनल को भी अपना योगदान देते हैं | अभी भी शुभेन्दु Golden Enterprises नामक फर्म का भी संचालन कर रहें हैं और बेहतर आईटी सेवा के लिए भी कार्य कर रहें हैं |

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