Thak Gaya Huin Par Haara Nahin | Poetry By Ankit Paurush

I am tired by not loser. मैं थक गया हूं, पर इसका मतलब यह नहीं के हार गया। आज ऊर्जा इकट्ठा कर रहा हूं । कल वापस खड़ा होने के लिए।

थक गया हूं पर हारा नहीं, मुश्किलों को देख मुस्कुराता हूं,
लंबा सफर है चलने के लिए, हिम्मत से कदम बढ़ाता हूं।
बहुत कंकड़ हैं रास्ते पर, कभी कभी घबरा जाता हूं,
दिल में हिम्मत के दीप जलाकर, फिर चलता जाता हूं।
थक गया हूं पर ……..।
बहुत तोड़ा है लोगों ने मुझको, मै फिर खड़ा हो जाता हूं,
हारना मैने सिखा नहीं, हार कर भी जीत जाता हूं।
पार होगा ये लंबा सफर, ये गीत मैं गुनगुनाता हूं,
थक गया हूं पर हारा नहीं, मुश्किल को देख मुस्कुराता हूं।
सूरज भी आया, चाँद भी आया,
अन्धियारा भी आया, उजाला भी आया,
कभी समझाया, कभी डराया, कभी उठाया, कभी गिराया,
मैं चलता रहा, पर मंजिल मेरी , कोई भटका ना पाया।
मंजिल पार करने की ठानी है, इसलिऐ आशाओं के दीप जलाता हूं,
थक गया हूं पर हारा नहीं, मुश्किलों को देख मुस्कुराता हूं।

अंकित पौरुष ।

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By Ankit Paurush

अंकित पौरुष अभी बंगलोर स्थित एक निजी सॉफ्टवेर फर्म मे कार्यरत है , साथ ही अंकित नुक्कड़ नाटक, ड्रामा, कुकिंग और लेखन का सौख रखते हैं , अंकित अपने विचार से समाज मे एक सकारात्मक बदलाव के लिए अक्सर अपने YouTube वीडियो , इंस्टाग्राम हैंडल और सभी सोसल मीडिया के हैंडल पर काफी एक्टिव रहते हैं और जब भी समय मिलता है इनके विचार पंख लगाकर उड़ने लगते हैं

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