Hum Sab Kalakaar Hain | Poetry By Ankit Paurush

हम सब कलाकार हैं इस धरती पर,
अनेकों चरित्र निभाने आए हैं,
हर चरित्र एक संबंध है,
संबंधों को निभाने आए हैं।

हम सब कलाकार हैं इस धरती पर ।

एक चरित्र तुम्हारे मां बाप है, एक चरित्र में तुम मां बाप हो,
एक चरित्र में पति पत्नी हो, एक चरित्र में बहन या भाई हो,
कुछ चरित्र में मामा, चाचा, ताऊ, फुफा,
कुछ चरित्र में मित्र या यार हो,
हर चरित्र का एक मोल है,
इसलिए हर चरित्र अनमोल है,
ऐसे काफी चरित्र हैं धरती पर,
उनको निभाने आए हो।

हम सब कलाकार हैं इस धरती पर ।

जो चरित्र को बखूबी निभादे,
उसको चरित्रवान कहते हैं,
जाके पूछो अपने चरित्र से,
किस चरित्र को बखूबी निभाया,
तुम्हारा हृदय ही तुम्हें बता देगा,
कि तुम चरित्रहीन हो, या चरित्रवान हो।

हम सब कलाकार हैं इस धरती पर ।

मेरा सवाल है समाज से,
चरित्रहीनता कि परिभाषा को इतना सीमित क्यों बना दिया,
क्या तुमने अपना चरित्र निभाया है सही से,
कि दूसरों को चरित्रहीन बना दिया।

अंकित पौरुष

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By Ankit Paurush

अंकित पौरुष अभी बंगलोर स्थित एक निजी सॉफ्टवेर फर्म मे कार्यरत है , साथ ही अंकित नुक्कड़ नाटक, ड्रामा, कुकिंग और लेखन का सौख रखते हैं , अंकित अपने विचार से समाज मे एक सकारात्मक बदलाव के लिए अक्सर अपने YouTube वीडियो , इंस्टाग्राम हैंडल और सभी सोसल मीडिया के हैंडल पर काफी एक्टिव रहते हैं और जब भी समय मिलता है इनके विचार पंख लगाकर उड़ने लगते हैं

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