इन “थ्री सी” (3Cs) में से सबसे पहला “सी” है “कन्विंस” (Convince) यानी विश्वास दिलाना। आप अपने उत्पाद, सेवा या विचार (Product, Service or Idea) को जब बेचने निकलते हैं तो अपने ग्राहक-उपभोक्ता (Customer/Consumer) को विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं कि बाजार (Market) में उपलब्ध विकल्पों के बीच यही सबसे अच्छा है। ग्राहक या उपभोक्ता अपनी जिस समस्या को सुलझाने के लिए विकल्प ढूंढ रहा है, उनमें से इसे चुनना सबसे अच्छा फैसला होगा। समस्या ये है कि हर बार ग्राहक आपके कहने पर ही आपकी बात मान ले, ऐसा तो होता नहीं। ऐसी स्थिति में दूसरा “सी” यानी “कर्रप्ट” (Corrupt) काम आता है। इस अनैतिक प्रक्रिया से आप अच्छी तरह वाकिफ हैं, इसमें उत्कोच यानी रिश्वत-घूस (Bribe) देकर ग्राहक को पटाया जाता है। ऐसा हो सकता है कि ये भी काम न आये, और उस स्थिति में तीसरा “सी” यानी “कन्फ्यूज” (Confuse) का प्रयोग होता है। इसमें आप ग्राहक (Customer) को भ्रमित करके निकल लेते हैं ताकि वो आप जो बेचने निकले हैं, वो न भी ले तो कम से कम किसी और का कुछ न खरीदे। इससे आपको मुनाफा (Profit) नहीं होता, लेकिन आप अपने प्रतियोगियों (Competitors) का मुनाफा भी सफलतापूर्वक रोक देते हैं।
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आनन्द जी अपनी शैली में इसे लिखकर भी पोस्ट करे।
साहेब विडियो का लाइट सही कीजिये और telepromptor के इस्तेमाल को सही तरीके से कीजये जिससे लगे की आप दर्शको से बात कर रहे हैं SEO भी नही किया गया है content उम्दा है मगर बाद बांकी पर काम करने की जरूरत है