पटना, 23 जनवरी :: कायस्थ कुल में जन्मे सुभाष चन्द्र बोस में देशभक्ति कूट कूट कर भरा हुआ था, इसलिए उन्होंने भारतीयों के दिलों में देशभक्ति की छाप छोड़ी है। उन्हें ‘आजाद हिंद फौज’ के संस्थापक के रूप में जाना जाता है और उनका प्रसिद्ध नारा है ‘ तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’। उक्त बातें किदवई पूरी के रॉयल गार्डेन स्थित जीकेसी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के अवसर ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कही।

उक्त अवसर पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को कटक (उड़ीसा) में हुआ था और 18 अगस्त, 1945 को एक विमान दुर्घटना में घायल होने के बाद ताइवान के एक अस्पताल में निधन हो गया था। नेता जी स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपनाए गए अपने उग्रवादी दृष्टिकोण और अपनी समाजवादी नीतियों के लिए जाने जाते हैं।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस को असाधारण नेतृत्व, कौशल और एक करिश्माई वक्ता के साथ सबसे प्रभावशाली स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है। उनके प्रसिद्ध नारे हैं ‘जय हिंद’। उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कई योगदान दिये।

उक्त कार्यक्रम में संजय कुमार सिन्हा, जितेन्द्र कुमार सिन्हा, धनंजय प्रसाद, बलिराम श्रीवास्तव, रविन्द्र किशोर, दिवाकर कुमार, अनिल कुमार दास, प्रसून श्रीवास्तव एवम संजय सिन्हा शामिल थे।
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